भूबनेश्बर: ओडिशा का अगला मुख्यमंत्री कौन हेांगे ? बीजेपी आलाकमान किसे चुनेंगे ? यह सस्पेंस कई हफ्तों से बरकरार है। 11 तारखि केा बीजेपी विधायकों की बैठक में चुना जाएगा मुख्यमंत्री। मुख्यमंत्री के चयन के लिए भाजपा के दो वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह और भूपेन्द्र यादब पर्यवेक्षक की भूमिका निभाएंगे। हालांकि सीएजी गिरीश मुर्मू के नाम की चर्चा हो रही है, लेकिन सांबिधानिक दृष्टिकोण से गरिश मुख्यमंत्री गद्दी पर नहीं बैठ सकते । गिरीश को ओडिशा सरकार के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया जा सकता है, या कोई अन्य महत्वपूर्ण भूमिका सेापा जा सकती है। धामनगर विधायक सूर्यऽबंशी सूरज, राणपुर विद्यायिका सूरमा पाढ़ी, क्योंझर विधायक मोहन माझी, कुचिंदा विधायक रवि नारायण नायक, पाटनागड़ विधायक कनक वर्धन सिंहदेव भी चर्चा में हैं। मुख्यमंत्री पद की दौड़ में ब्रजराजनगर विधायक सुरेश पुजारी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल सबसे आगे हैं।
मुख्यमंत्री रेस: आगे हे ये सब नाम
- सुरेश पुजारी, ब्रजराजनगर के विधायक हैं
- मनमोहन सामल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष
- गिरीश मुर्म, सीएजी
- कनक वर्धन सिंहदेव, पाटनागढ़ विधायक
- सूरमा पाढ़, राणपुर विधायक
- सूरज सूर्यऽबंशी, धामनगर विधायक
- मोहन माझी, क्योंझर विधायक
- रवि नारायण नाइक, कुचिंडा विधायक
अब जब धर्मेंद्र प्रधान केंद्रीय मंत्री बन गए हैं तो मनमोहन सामल की उम्मीदें जगी हैं । मनमोहन के नेतृत्व में धामनगर उपचुनाव जीत कर बिजेपीमे आश जग गया की नबीन पट्टनायक केा हरा या शकता हे । इसके अलावा चुनाव से पहले मनमोहन ने मांग की थी कि पार्टी संगठनों की शक्ति मे बिना गठबंधन पर अकेले लड़ना चाहाता हे । लेकिन मुख्यमंत्री बनने के लिए मनमोहन को अगले छ महीने के अंदर उपचुनाव लड़ना होगा और विधायक बनना होगा । ये सब देखकर सुरेश पुजारी के लिए उम्मीद जगी है ।
शपथ ग्रहण समारोह 12 तारीख को शाम 5 बजे जनता मैदान में होगा । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों, रुढ़िवादी साहित्य और संस्कृति से जुड़े प्रमुख लोगों की मौजूदगी में बीजेपी की सरकार सपथ ळेगी । भले ही विधायक दल की बैठक और शपथ ग्रहण समारोह की तारीख, समय और जगह तय हो गई है, लेकिन मुख्यमंत्री के चेहरे पर सस्पेंस बरकरार है । इस संबंध में कोई भी अपना मुंह खोलने से नाराज हे । पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में विधायकों की बैठक में नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की जा सकती हे ।
भाजपा नेताओं ने चुनाव प्रचार के दौरान बार-बार कहा है कि एक इडिशा का बेटा या बेटी राज्य का मुख्यमंत्री हेांगे । हालांकि, नए मुख्यमंत्री को राज्य में बीजेपी को भी संभालना होगा, इसके साथ ही पार्टी द्वारा किए गए वादों को भि पूरा करना भी मुख्यमंत्री की प्राथमिकता होगी ।……